मीडिया एक्शन ग्रुप (मैग) की मुहिम का असर--
--वह बालिका दो बच्चों की मां है
--सीटीएस ‘पोल’ पर पर्दा डालेंगें!
-अब ऑनलाइन अपडेशन विभाग कार्मिक करेंगे
-सीटीएस का नए सिरे से अपडेशन की तैयारी
-विभाग कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया
के.आर. मुण्डियार @ कुचामनसिटी।
कुचामनसिटी, 3 अगस्त.
बीते साल तैयार सीटीएस सर्वे की तैयार सूचियों की प्रदेश भर में चौड़े आई त्रुटियां को ढांकने की तैयारी कर ली गई हैं। कम्पनी के सर्वे की गड़बड़ी दुरस्त करने का जिम्मा शिक्षा विभाग कार्मिकों के कंधों डाल दिया गया है। नए आदेशों के तहत विभाग के कार्मिक सीटीएस सर्वे के तहत विलेज एजुकेशन रजिस्ट्रर (वीईआर) के ऑनलाइन अपडेशन में जुट गए हैं।
सीटीएस की त्रुटियां को दूर करने के लिए प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय निर्देश पर प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर नोडल प्रभारियों के जरिए नए सिरे से प्रपत्र भरवाए गए हैं। प्रपत्र संख्या एक से चार की रिपोर्ट के जरिए सीटीएस की वीईआर का अपडेशन किया जाएगा। ऑनलाइन अपडेशन के लिए जिला स्तर पर प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक संदर्भ व्यक्ति तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार (3 अगस्त) को नागौर जिले के कार्मिकों को इस आशय का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला मुख्यालय पर दिया गया। प्रशिक्षण लेने वाले कार्मिक सीटीएस की सूची का ऑनलाइन अपडेशन करेंगे। नोडल प्रभारियों की ओर से तैयार प्रपत्रों के जरिए अपडेशन किया जाएगा। जिसके तहत सीटीएस के बीते साल के सर्वे में चिह्नित बच्चों की सूची में 6 से 14 वर्ष की निर्धारित आयु से अधिक आयु व अल्प आयु वाले बच्चों, पलायन कर चुके बच्चों के नाम हटाएं जाएंगे तथा वीईआर से वंचित रह चुके बच्चों के नाम जोड़े जाएंगे। गौरतलब हैकि ‘राजस्थान पत्रिका’ के मीडिया एक्शन गु्रप टीम ने ‘आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाए’ मुहिम के तहत सीटीएस सर्वे की गड़बड़ी को लेकर प्रदेश भर में शृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित किए थे। इन समाचारों में यह भी बताया गया था कि सीटीएस सर्वे की गड़बड़ी के कारण विभाग को चिह्नित बच्चे खोजने में क्या-क्या समस्याएं आ रही है और कई बच्चे वास्तविक रूप से शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे हैं।
इनका कहना है---
बीते साल सीटीएस की ऑनलाइन रिपोर्ट फर्म के जरिए करवाई गई थी।जिसमें कई त्रुटियां सामने आई। नए निर्देशों के तहत कार्मिकों को ऑनलाइन अपडेशन का प्रशिक्षण दिया गया है। कार्मिकों से नए सिरे से वीईआर तैयार करवाई जा रही है। कार्मिकों के जरिए होने वाले कार्य में गड़बड़ी की गुजाइंश काफी कम होगी।
-करणीसिंह राठौड़, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.), कुचामनसिटी
-अब ऑनलाइन अपडेशन विभाग कार्मिक करेंगे
-सीटीएस का नए सिरे से अपडेशन की तैयारी
-विभाग कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया
के.आर. मुण्डियार @ कुचामनसिटी।
कुचामनसिटी, 3 अगस्त.
बीते साल तैयार सीटीएस सर्वे की तैयार सूचियों की प्रदेश भर में चौड़े आई त्रुटियां को ढांकने की तैयारी कर ली गई हैं। कम्पनी के सर्वे की गड़बड़ी दुरस्त करने का जिम्मा शिक्षा विभाग कार्मिकों के कंधों डाल दिया गया है। नए आदेशों के तहत विभाग के कार्मिक सीटीएस सर्वे के तहत विलेज एजुकेशन रजिस्ट्रर (वीईआर) के ऑनलाइन अपडेशन में जुट गए हैं।
सीटीएस की त्रुटियां को दूर करने के लिए प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय निर्देश पर प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर नोडल प्रभारियों के जरिए नए सिरे से प्रपत्र भरवाए गए हैं। प्रपत्र संख्या एक से चार की रिपोर्ट के जरिए सीटीएस की वीईआर का अपडेशन किया जाएगा। ऑनलाइन अपडेशन के लिए जिला स्तर पर प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक संदर्भ व्यक्ति तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार (3 अगस्त) को नागौर जिले के कार्मिकों को इस आशय का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला मुख्यालय पर दिया गया। प्रशिक्षण लेने वाले कार्मिक सीटीएस की सूची का ऑनलाइन अपडेशन करेंगे। नोडल प्रभारियों की ओर से तैयार प्रपत्रों के जरिए अपडेशन किया जाएगा। जिसके तहत सीटीएस के बीते साल के सर्वे में चिह्नित बच्चों की सूची में 6 से 14 वर्ष की निर्धारित आयु से अधिक आयु व अल्प आयु वाले बच्चों, पलायन कर चुके बच्चों के नाम हटाएं जाएंगे तथा वीईआर से वंचित रह चुके बच्चों के नाम जोड़े जाएंगे। गौरतलब हैकि ‘राजस्थान पत्रिका’ के मीडिया एक्शन गु्रप टीम ने ‘आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाए’ मुहिम के तहत सीटीएस सर्वे की गड़बड़ी को लेकर प्रदेश भर में शृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित किए थे। इन समाचारों में यह भी बताया गया था कि सीटीएस सर्वे की गड़बड़ी के कारण विभाग को चिह्नित बच्चे खोजने में क्या-क्या समस्याएं आ रही है और कई बच्चे वास्तविक रूप से शिक्षा से जुड़ नहीं पा रहे हैं।
इनका कहना है---
बीते साल सीटीएस की ऑनलाइन रिपोर्ट फर्म के जरिए करवाई गई थी।जिसमें कई त्रुटियां सामने आई। नए निर्देशों के तहत कार्मिकों को ऑनलाइन अपडेशन का प्रशिक्षण दिया गया है। कार्मिकों से नए सिरे से वीईआर तैयार करवाई जा रही है। कार्मिकों के जरिए होने वाले कार्य में गड़बड़ी की गुजाइंश काफी कम होगी।
-करणीसिंह राठौड़, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.), कुचामनसिटी
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