Friday, 12 August 2011

Indore - young spirit defeated death and corruption

युवा हौसलों ने मौत और भ्रष्टाचार को दी मात
 
7 बरस के बादल को  कई  दिनों से सर दर्द ने परेशान कर रखा था | इलाज तो हो रहा था पर कुछ नतीजा नहीं निकल रहा था |आर्थिक तंगी से जूझ रहे  दिनेश सोंघरा जो ठीक से बोल नहीं पाते, किसी तरह  अपने लाडले को शहर के बड़े डाक्टर को दिखया तो  जाँच के बाद पता चला  बादल को ब्रेन ट्यूमर है | हिम्मत न हारते हुए न्यू पंचशील कालोनी मूसाखेड़ी निवासी दिनेश सोंघरा ने अपने पास रखी एक मात्र सम्पति अपने प्लाट को बेच दिया | दिनेश ने अपने जिगर के टुकड़े के लिए रिश्तेदारों का दरवाजा भी  खटखटाया पर कंही भी बात नहीं  बनी, तभी  उन्होंने मूसाखेड़ी के ही मीडिया  एक्शन  ग्रुप से जुड़े युवा साथियों से बात की | समूह के प्रमुख सदस्य विनोद खराटे ने अपने सारे साथियों (सचिन,आश्विन ,प्रदीप, प्रमोद , राहुल दीपक, गौतम , व अन्य )से इस बारे में  बात की | सब ने  वार्ड ५० के पार्षद व विधायक से मदद मांगी लेकिन कोई हल नहीं निकला | कलेक्टर ने  बच्चे अथवा उसके पिता का  बीपीएल कार्ड बनवाने की सलाह दी तो वहां भ्रष्टाचार के दानव ने कदम कदम पर कांटे बिछा दिए  | समय कम था इसलिए किसी  चपरासी को रिश्वत दी, तो किसी बाबू को समझा बुझा कर फाइल आगे खिसकवाई  और  आखिरकार बीपीएल कार्ड बनवा ही लिया | उसे  लेकर जब  वे शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंत राव हॉस्पिटल गए तो  यहाँ   इलाज की असमर्थता जताते हुए बादल को  बॉम्बे  हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया | यह नगर का सबसे बड़ा अस्पताल था, और खर्चीला भी |
 एक बार फिर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह से मिले | केस के बारे मे तो बताया ही, साथ ही  बाबुओं और चपरासियों की  रिश्वतखोरी के बारे में  भी बताया | कलेक्टर साहब ने तुरंत बच्चे की कोटेशन फाइल बनाने को कहा और  थोड़ी  मशक्क़त  के बाद इलाज का पैसा सेन्क्शन  हो गया | लास्ट स्टेज पर पंहुचने से पहले 1.5 लाख देकर बॉम्बे हॉस्पिटल में बादल  का सफल ऑपरेशन हो गया | अब बादल पूरी तरह स्वस्थ है और जीवन उमंग से भरा है |

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