एक अकेला ईमानदार व्यक्ति भी भ्रष्टाचार के खात्मे की पहल कर सकता
प्रह्लाद दास लड्ढा, 78 वर्षीय प्रेरणा हैं, युवा पीढ़ी के लिए, सारे समाज के लिए ! इंदौर शहर के गुमाश्ता नगर रहवासी संघ को, राष्ट्रीय स्तर पर, सर्वोत्तम क्रियाशील संस्था की तरह पुरुष्कृत किया गया, और इसके सूत्रधार हैं, गुमाश्ता नगर के ही वर्तमान निवासी, प्रह्लाद दास लड्ढा, जो कि इस कालोनी की नींव भी हैं, ईमारत भी, आसमान भी ! न केवल कालोनी का विकास, रखरखाव और सार्वजनिक व्यवस्थाओं का सफल संचालन, बल्कि सारे रहवासियों को एक वृहद् परिवार कि तरह जोड़कर रखने में, लड्ढा जी, परिवार के मुखिया कि भूमिका, बड़े सौजन्य से निभा रहे हैं ! सड़क पर कोई दुर्घटना हो, किसी के घर में कोई बीमार हो, पारिवारिक विवाद हो या कि घरेलू समस्या, यहाँ सब कुछ जैसे मुखिया का पारिवारिक मामला होता है ! सहकारिता का नाम सुनते ही, आज जहाँ भ्रष्टाचार के गुबार आँखों में छा जाते हैं, ऐसी मिसाल, उम्मीद के सूरज को जलाये रखती है !
जयंती लाल भंडारी ( शिक्षाविद, अर्थशास्त्री ) : लड्ढा जी, अपने आप को भूलकर भी, जिस तरह से सार्वजानिक कामों में लगे रहते हैं, वो एक मिसाल है, सहकारिता के दुसरे क्षेत्रों में भी, इस परिवार को, एक सलाहकार संस्था कि तरह लेना चाहिए !
बसंत खटौड़ ( व्यवसायी ) : इनकी सकारात्मक सोच, इनकी सामर्थ्य है, कालोनी का विकास तो दूसरी जगहों पर भी अच्छी तरह हो जाता है, लेकिन बाद में रखरखाव और संचालन में लड्ढा जी ने राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल कायम की है !
प्रेम गुप्ता ( बैंक मैनेजर) : लड्ढा जी का समर्पण और स्वामित्व लेकर काम करने का तरीका इनकी सफलता का राज़ है, सेवाभाव जैसे इनके खून में है, इनको सेवा में ही आनंद मिलता है !
हंसराज जैन (मंत्री, क्लाथ मार्केट संघ ) : लोग, गुमाश्ता नगर को लड्ढा जी की कालोनी कहते हैं, और लड्ढा जी पूरी कालोनी को ही अपना परिवार समझते हैं !
आलोक जैन :आज जंहा हर तरफ भ्रष्टाचार और नकारात्मक गतिविधियों ने पाव पसार रखे वन्ही प्रह्लाद जी एक ऐसे व्यति हैं जिनोहने न केवल अकेले दम पर एक पूरी कालोनी के विकास की बागडोर संभाली बल्कि अपने परिवार को भी समाज कार्य में लगाया बल्कि उनके जीवन मे कई ऐसे मोके भी आये जब उन्हें रिश्वत ले कर समाज कार्यों से दूर करने की कोशिश की गई लकिन वे फ्हिर भी पीछे नहीं हटे और उनका यह होसला आज भी कायम है.
बाबू लाल पाटोदी :प्रह्लाद से मेरी दोस्ती बहुत पुराणी है मे उससे तब से जनता जब इन्होने अपना व्यापार शुरू व्यापार ज़माने के लिए भी कई बार ऐसी स्तिथि बनी की रिश्वत देना और भ्रष्टाचार का साथ देना जरुरी था अपने हित के लिए लकिन फ्हिर भी न्होंने कभी भ्र्श्ताकार के आगे घुटने नहीं टिकाये और बल्कि उन्होंने अपने शेत्र मे मुकुट गार्डेन के नाम से एक गार्डेन त्येयार किया जिससे आने वाली साडी आय का उपयोग केवलम समाज कार्यों के लिए किया जाता है साथ ही सभी लोगों के लिए आय का सारा लेखा जोखा देखने परखने की स्वतंत्रता भी है यह इमानदार और निष्ठावान व्यति हमारे समाज के लिए उदाहरण नहीं है ?
जयंती लाल भंडारी ( शिक्षाविद, अर्थशास्त्री ) : लड्ढा जी, अपने आप को भूलकर भी, जिस तरह से सार्वजानिक कामों में लगे रहते हैं, वो एक मिसाल है, सहकारिता के दुसरे क्षेत्रों में भी, इस परिवार को, एक सलाहकार संस्था कि तरह लेना चाहिए !
बसंत खटौड़ ( व्यवसायी ) : इनकी सकारात्मक सोच, इनकी सामर्थ्य है, कालोनी का विकास तो दूसरी जगहों पर भी अच्छी तरह हो जाता है, लेकिन बाद में रखरखाव और संचालन में लड्ढा जी ने राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल कायम की है !
प्रेम गुप्ता ( बैंक मैनेजर) : लड्ढा जी का समर्पण और स्वामित्व लेकर काम करने का तरीका इनकी सफलता का राज़ है, सेवाभाव जैसे इनके खून में है, इनको सेवा में ही आनंद मिलता है !
हंसराज जैन (मंत्री, क्लाथ मार्केट संघ ) : लोग, गुमाश्ता नगर को लड्ढा जी की कालोनी कहते हैं, और लड्ढा जी पूरी कालोनी को ही अपना परिवार समझते हैं !
आलोक जैन :आज जंहा हर तरफ भ्रष्टाचार और नकारात्मक गतिविधियों ने पाव पसार रखे वन्ही प्रह्लाद जी एक ऐसे व्यति हैं जिनोहने न केवल अकेले दम पर एक पूरी कालोनी के विकास की बागडोर संभाली बल्कि अपने परिवार को भी समाज कार्य में लगाया बल्कि उनके जीवन मे कई ऐसे मोके भी आये जब उन्हें रिश्वत ले कर समाज कार्यों से दूर करने की कोशिश की गई लकिन वे फ्हिर भी पीछे नहीं हटे और उनका यह होसला आज भी कायम है.
बाबू लाल पाटोदी :प्रह्लाद से मेरी दोस्ती बहुत पुराणी है मे उससे तब से जनता जब इन्होने अपना व्यापार शुरू व्यापार ज़माने के लिए भी कई बार ऐसी स्तिथि बनी की रिश्वत देना और भ्रष्टाचार का साथ देना जरुरी था अपने हित के लिए लकिन फ्हिर भी न्होंने कभी भ्र्श्ताकार के आगे घुटने नहीं टिकाये और बल्कि उन्होंने अपने शेत्र मे मुकुट गार्डेन के नाम से एक गार्डेन त्येयार किया जिससे आने वाली साडी आय का उपयोग केवलम समाज कार्यों के लिए किया जाता है साथ ही सभी लोगों के लिए आय का सारा लेखा जोखा देखने परखने की स्वतंत्रता भी है यह इमानदार और निष्ठावान व्यति हमारे समाज के लिए उदाहरण नहीं है ?
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