भ्रष्टाचार के खिलाफ चौक पर की आवाज़ बुलंद
एक दो तीन चार बंद करो ये भ्रष्टाचार ....इसी तरह के नारों से हर्सिधि मंदिर चौक उस वक्त गूंज उठा जब भ्रष्टाचार के खिलाफ वार्ड नंबर 11 के लोग चौक पर जमा हुए | पत्रिका कनेक्ट प्रतिनिधि जीतेन्द्र नवरे ने बताया कि "भ्रष्टाचार से आज़ादी मेरी कहानी मेरी ज़ुबानी" कार्यक्रम के तहत अपने अनुभव बयान करेंगे और पूरा दिन प्रदर्शन करते हुए सभी लोगो को इस मुहिम से जोड़ने की कोशिश करेंगे|
श्री प्रभाकर रामचंद्र यादव ने बताया कि एक बार जब वे इंदौर से पुणे जा रहे थे तो टी. टी. ने टिकिट होने पर भी उन्हें दूसरी सीट पर बैठा दिया, और थोड़ी देर बाद वहां से भी हटने को कहा, जब उन्होंने हटने से इनकार किया तो कहा अभी थोड़ी देर के लिए हट जाओ, मैं हट गया| कुछ समय बाद पूछा तो कहने लगा तुम्हारे साथ बच्चा भी है, इसलिए सीट नहीं मिल सकती अगर कुछ ऊपर से खर्च कर सकते हो तो ज़रूर कुछ हो सकता है |
प्रभाकर के साथ उनका बेटा भी था इसलिए आसानी से सफ़र पूरा हो सकने की मंशा के साथ रिज़र्वेशन के बावजूद 300 रुपए देने ही पड़े | सलीम खान ने बतया की उनके बच्चे के स्कूल के लिए जाति प्रमाण पत्र की ज़रूरत थी | उन्होंने कई कोशिशें की और चक्कर लगाये लेकिन बहुत प्रयास के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं बन पाया | एक सक्रिय दलाल ने 1200 रुपये लेकर उनका काम दूसरे ही दिन करवा दिया |
नौकरी के बदले रिश्वत मांगी गई, ये कहना था महेश प्रेमचंद खाट्वे का जो की जन्म से विकलांग हैं | एक सरकारी नौकरी हेतु विकलांग कोटे में क्लर्क के पद के लिए लिखित परीक्षा पास करने के बाद जब साक्षात्कार के लिए गए तो ऑफिस से बाहर निकलते ही चपरासी ने बुलाया और एक लाख रुपये की मांग की |
श्याम राव शिंदे ने बताया की घरेलू बिजली मीटर लगवाने में पूरा एक साल तो लग ही गया और 2500 रुपये देने के बाद मीटर लगा |
सुंदर लाल जो की अनाज व्यापारी हैं , बताने लगे कैसे उन्होंने अपना अनाज से भरा ट्रक 5000 रुपये रिश्वत देकर थाने से छुड्वाया |
प्रभाकर के साथ उनका बेटा भी था इसलिए आसानी से सफ़र पूरा हो सकने की मंशा के साथ रिज़र्वेशन के बावजूद 300 रुपए देने ही पड़े | सलीम खान ने बतया की उनके बच्चे के स्कूल के लिए जाति प्रमाण पत्र की ज़रूरत थी | उन्होंने कई कोशिशें की और चक्कर लगाये लेकिन बहुत प्रयास के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं बन पाया | एक सक्रिय दलाल ने 1200 रुपये लेकर उनका काम दूसरे ही दिन करवा दिया |
नौकरी के बदले रिश्वत मांगी गई, ये कहना था महेश प्रेमचंद खाट्वे का जो की जन्म से विकलांग हैं | एक सरकारी नौकरी हेतु विकलांग कोटे में क्लर्क के पद के लिए लिखित परीक्षा पास करने के बाद जब साक्षात्कार के लिए गए तो ऑफिस से बाहर निकलते ही चपरासी ने बुलाया और एक लाख रुपये की मांग की |
श्याम राव शिंदे ने बताया की घरेलू बिजली मीटर लगवाने में पूरा एक साल तो लग ही गया और 2500 रुपये देने के बाद मीटर लगा |
सुंदर लाल जो की अनाज व्यापारी हैं , बताने लगे कैसे उन्होंने अपना अनाज से भरा ट्रक 5000 रुपये रिश्वत देकर थाने से छुड्वाया |
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