कोटा का प्रयास सिर्फ यही रहेगा कि उन्ही बच्चों को स्कूल में नामांकित कराया जाए, जिन्होंने वास्तव में कभी स्कूल नहीं देखा। कोई न कोई कारण से वे स्कूल जाने से वंचित रहे हैं। इसमें उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि का खास ध्यान रखा जा रहा है।
कोटा संभाग के बारां, बूंदी व झालावाड़ में भी -चलो स्कूल- अभियान के प्रति सक्रियता बढ़ी है। काफी बच्चों के नामांकन करवाए जा रहे हैं।
कोटा में रोटेरियन्स को तैयार किया जा रहा है। कोशिश ये है कि हमारे प्रतिनिधियों द्वारा चयनित गांवों में उनसे कार्य करवाया जाए। उम्मीद है कि वे इस संबंध में जल्द ही काम शुरू कर देंगे। फिलहाल बातचीत मौखिक तौर पर ही चल रही है।
No comments:
Post a Comment