Friday 22 July 2011

Kishangarh - Patrika helps Manju for admission in school

ध्यानार्थ...अभियान...शिक्षा से जुड़ी मंजू
-आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं


-पहल रंग लाई
कासं ञ्च मदनगंज-किशनगढ़
घर पर रहकर छोटे भाई बहनों की देखभाल कर समय बिता रही दस वर्षीय मंजू गुरुवार से स्कूल जाने लगी है। यह सम्भव हुआ है राजस्थान पत्रिका मीडिया एक्शन गु्रप के आओ पढ़ाएं, सबको बढाएं अभियान के दौरान।
अभियान के शुभारम्भ के लिए गुरुवार सुबह 7 बजे पत्रिका संवाददाता सुनिल जैन व कालीचरण किशनगढ़ से बारह किलोमीटर दूर ग्राम पाटन पहुंचे। ग्रामीणों से स्कूल से वंचित बच्चों के बारे में जानकारी ली और सरपंच तेजसिंह राठौड़ को बुलाकर ग्रामीणों को पत्रिका के अभियान के बारे में बताया। बाद में उनके सहयोग से मंजू को स्कूल से जोड़ा।
एक जुलाई से स्कूलों में चल रहे नामंाकन अभियान के दौरान मंजू को स्कूल से जोडऩे के लिए वहां के शिक्षकों ने भी प्रयास कम नहीं किए लेकिन उसे स्कूल से नहीं जोड़ा जा सका।
अभियान को सराहा
सरपंच राठौड़ सहित ग्राम सचिव महावीर प्रसाद शर्मा व समाज सेवी रामनिवास प्रजापत ने पत्रिका के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकारों में पत्रिका सदैव अग्रणी है और वंचित बच्चों को शिक्षा देने से बड़ा पुण्य का कार्य नहीं हो सकता।
पहुंच गए मंजू के घर
ग्रामीणों से वार्ता के दौरान पता चला कि ग्राम के पांचू बैरवा के आठ बच्चे है और सबसे बड़ी दस वर्षीय मंजू है, जो स्कूल नहीं जाती। इस पर पत्रिका टीम सरपंच राठौड़ के साथ उसके घर पहुंचे।
भाई-बहनों की देखभाल
घर जाने पर पता चला कि पांचू व उसकी पत्नी मजदूरी पर जाते है और उनकी अनुपस्थिति में दस वर्षीय मंजू अपने सात भाई बहनों की देखभाल करती है।
समझाया तो मान गए
सरपंच राठौड़ ने उसके पिता को समझाया और शिक्षा के महत्व व शिक्षा के अधिकार अधिनियम के बारे में बताया। इस पर वह मान गया और मंजू का दाखिला सरकारी स्कूल में करा दिया।
नहीं मिली थी सफलता
इस दौरान स्कूल शिक्षिका वन्दना शर्मा व पुष्पा तुलसीयानी भी मंजू के घर पर पहुंच गई। उन्होंने भी पत्रिका की इस पहल की सराहना की और बताया कि वे यहां रोजाना आकर समझा रही थी लेकिन सफलता नहीं मिली।
ग्रामीणों ने लिया संकल्प
पत्रिका की इस पहल से प्रभावित होकर ग्रामीणों ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में बच्चों को स्कूल से जोडऩे का संकल्प लिया। सरपंच राठौड़ ने स्कूल से जुडऩे वाले बच्चों को हर सम्भव सहायता देने का आश्वासन दिया।
-सुनिल जैन

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