Tuesday 19 July 2011

Bundi - Gaura came in school left her shepherd life ...............

मीडिया एक्शन ग्रुप, बूंदी
‘स्कूल चलो’ अभियान
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भेड़ें चराना छोड़ गौरा पढऩे आई
समझाइश के बाद बालिकाओं का स्कूल में प्रवेश,
दस साल की उम्र में देखी पाठशाला

बूंदी. नैनवां उपखंड की रजलावता ग्राम पंचायत के रालड़ी गांव की बालिका गौरा ने भेड़ें चराने जाना छोड़कर अब पढऩे आना शुरू कर दिया है। यही नहीं गौरा के आने से उसकी सहेली कीमता एवं सुनीता ने भी पढऩे का मन बनाया है। दस वर्ष की उम्र पूरी कर लेने तक इन तीनों बालिकाओं ने विद्यालय नहीं देखा। मीडिया एक्शन ग्रुप के ‘स्कूल चलो’ अभियान के तहत इन बालिकाओं के परिजनों के साथ समझाइश की गई। रालड़ी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक उत्सव सैनी व विद्यार्थी मित्र पप्पू लाल सैनी ने परिजनों को बालिकाओं के जीवन में शिक्षा के महत्व के बारे में बताया गया। तब परिजन इन्हें स्कूल को भेजने को राजी हो गए। सोमवार को तीनों बालिकाओं का स्कूल में दाखिला करा दिया गया। अब वे खुश है।
इसी तरह स्कूल में रालड़ी गांव के डेढ दर्जन बच्चों को प्रवेश दिलाया है। सोमवार को विद्यालय में प्रवेशोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शंकरलाल बैरवा ने नवप्रवेशित बच्चों को मुंह मीठा कराया और मालाएं पहनाई। बच्चों को तिलक भी किया गया। पत्रिका संवाददाता सूर्यनारायण शर्मा ने नवप्रवेशित बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय में आने का संकल्प दिलाया।
तालेड़ा ब्लॉक के गंवारिया बस्ती स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में १० बच्चों प्रवेश कराया गया। पत्रिका संवाददाता हेमराज राठौर ने विद्यालय के अध्यापकों के साथ मजदूरी व कबाड़ी का काम करने वाले बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। इनके माता-पिता को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए समझाइश की। उन्हें बताया कि बच्चों को शिक्षा पूरी तरह नि:शुल्क मिलेगी। पढ़ लिख गए तो वे अच्छे इंसान बनेंगे। लंबी समझाइश के बाद परिजन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी हो गए। जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो संस्था प्रधान हरिप्रसाद बुलीवाल व अध्यापिका ज्योति शर्मा ने सभी को तिलक किया और मालाएं पहनाई। विद्यालय पहुंचकर बच्चे फूले नहीं समाए।
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नागेश शर्मा : कोर्डिनेटर, मीडिया एक्शन ग्रुप, बूंदी

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