Thursday, 28 July 2011

Kuchaman city, Ajmer - Education minister leave the press conference over the issue of private schools and rights of poor, counter attacks the reporter- "any problems with private schools; let private school earn,enjoy and have their share!!!!


‘मास्टरजी’ को निजी स्कूल से लगाव
-निजी स्कूलों के सवाल पर बिफरे, बोले हादसे से होते रहते हैं
-प्रेसवार्ता छोड़ निकल लिए शिक्षा मंत्री
कार्यालय संवाददाता @ कुचामनसिटी।
 
कुचामनसिटी, 27 जुलाई.
अपनी बड़बोलेपन बोली के कारण विवादों में रहने वाले शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को कुचामनसिटी की निजी स्कूलों से खासा लगाव है। उन्हें निजी स्कूलों की अव्यवस्था के मामले में कटू सत्य भी सुनना पंसद नहीं है। मन में छिपा यह राज शिक्षा मंत्री ने बुधवार को प्रेसवार्तामें ही उगल दिया।
शिक्षा मंत्री कुचामनसिटी में मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के तहत लाभार्थियों को स्वीकृति वितरित करने आए थे। कार्यक्रम पश्चात एक निजी समारोह स्थल में प्रेसवार्ता में शिक्षा मंत्री पत्रकारों के सवालों पर बिफर गए। पत्रिका संवादाता के सवालों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के नए अधिनियम की पालना के लिए निजी स्कूलों को व्यवस्था सुधारने के लिए एक साल का समय दिया गया है। एक साल बाद उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि एक साल के भीतर यदि कोई हादसा हो गया या गलत हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? विभाग की ओर से जांच कार्यवाही क्यों नहीं होती? इस पर शिक्षा मंत्री बोले, हादसे तो होते रहते है..., उन्हें कौन रोक सकता है। इसके बाद एक अन्य सवाल पर शिक्षा मंत्री बिफर गए और पत्रकारों से ही पूछ बैठे कि आप लोगों को निजी स्कूलों से कोई प्राब्लम्स हैं क्या, निजी स्कूलें भी तो स्कूलें है, उन्हें भी कमा खाने दो। यह कहते हुए शिक्षा मंत्री पत्रकार वार्ता को बीच में छोड़ उठ गए। पत्रिका संवाददाता ने उन्हें जाते-जाते ही पूछा कि शिक्षा विभाग क्या कार्रवाईकर रहा है, इस पर मंत्री बोले, कि कोई शिकायत पर कार्रवाई होगी।
ये थे पत्रिका के सवाल-
-हर साल सरकारी स्कूलों का नामांकन क्यों घट रहा है?
-क्या नामांकन अभियान में शिक्षा से वंचित बच्चों को जोडऩे में फर्जीआंकड़े तैयार हो रहे हैं? इसकी जांच कैसे होती है?
-शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते निजी स्कूलों में नियमों की पालना के लिए विभाग क्या कार्रवाईकर रहा?
-निजी स्कूलों की तुलना में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार की ओर से अंग्रेजी माध्यम की स्कूलें क्यों नहीं खोली जाती?
-कॉम्पलेक्सों एवं बेसमेंटों में निजी स्कूलोंं एवं छात्रावासों का संचालन हो रहा हैं, उन पर विभाग की क्या लगाम है?
-के. आर.मुण्डियार, कुचामनसिटी

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