Sunday, 31 July 2011
Raipur - Patrika Connect , People come forward to help themselves.......
Saturday, 30 July 2011
Dungarpur - With 80 new admission target reached at 1514
शतकों पर शतक
- विद्यालयों से जुड़े 80 नए बच्चों के साथ अभियान का आंकड़ा 1514 पहुंचा
- आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं अभियान
कार्यालय संवाददाता @ डूंगरपुर
राजस्थान पत्रिका और मीडिया एक्शन ग्रुप की ओर से चलाए गए ‘आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं अभियान’ के तहत हो रहे नामांकन में रोजाना नए रिकार्ड स्थापित हो रहे हैं। शुक्रवार को अलग-अलग विद्यालयों में 80 बच्चों को जोडऩे के साथ ही आंकड़ा 1514 तक पहुंच गया है।
बच्चों को निशुल्क प्रवेश
बच्चों को निशुल्क प्रवेश
सरोदा के हंसवाहिनी प्राथमिक विद्यालय में पांच संस्थाप्रधान राजेश व्यास के सहयोग से पांच बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया गया। इस मौके पर अनिल भट्ट, ईश्वरलाल परमार, मनोज भट्ट एवं अनिता सुथार शामिल हुए।
रामगढ़ के राउप्रावि मसाणा में संस्थाप्रधान अनिल जोशी के निर्देशन में 21 बच्चों को प्रवेश दिया गया।
रामगढ़ के राउप्रावि मसाणा में संस्थाप्रधान अनिल जोशी के निर्देशन में 21 बच्चों को प्रवेश दिया गया।
साबला के राउप्रावि भाडग़ा में संस्थाप्रधान कमलाशंकर चौबीसा, जवाहरलाल मीणा, ईश्वरलाल राठौड़, वालचंद, हरीशचन्द्र मीणा, नारायण मईड़ा के सहयोग से 12 को प्रवेश मिला। राजकीय शिक्षाकर्मी प्रावि क्यावड़ी में मगनलाल मीणा एवं संतोष रोत के सहयोग से 18 नए बच्चों का दाखिला हुआ। राप्रावि वरवासा जागीर में अज्ञेयकुमार चौबीसा ने तीन बच्चों को प्रवेश दिया।
पिण्डावल। राउप्रावि पाटिया में प्रधानाध्यापिका सुशीला जैन के निर्देशन व डायालाल कोठारी, सतीशचंद्र डामोर, प्रमिला रेटवा के सहयोग से 21 बच्चों का दाखिला हुआ।
........................................................................
विभाग का ‘रिवर्स गियर’
- सीटीएस सर्वे में चिन्हित हुए बच्चों के लक्ष्य को कम करने की कवायद
- आयुपार बच्चों के नाम हटवाने में जुटा विभाग
कार्यालय संवाददाता @ डूंगरपुर
गत वर्ष आंख मिच कर हुई चाईल्ड टे्रकिंग सर्वे की गड़बडिय़ों पर अब विभाग ने मुहर लगानी शुरू कर दी है। सर्वे में चिन्हित हुए अधिकांश बच्चों के अपात्र घोषित होने से प्रदेश स्तर पर नामांकन अभियान की उपलब्धि के लिहाज से पिछड़ रहे विभाग ने अब राजस्थान प्रारम्भिक परिषद् को संशोधित लक्ष्य भेजने की कवायद शुरू कर दी है।
पत्रिका ने उठाया था मामला
गत वर्ष हुए चाईल्ड टे्रकिंग सर्वे में 26 हजार 236 बच्चों को शिक्षा से दूर चिन्हित किया गया था। लेकिन, सर्वे के तहत नामांकन अभियान में मिले लक्ष्य अनुरूप पड़ताल की, तो अधिकांश बच्चे आयु पार, विवाहित, पूर्व से ही स्कूलों से जुड़े होना पाया गया। राजस्थान पत्रिका ने सीटीएस सर्वे की गड़बडिय़ों को लेकर 15 जुलाई 2011 के अंक में ‘सर्वे की खुली हकीकत’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर उदाहरण कई विद्यालयों की स्थिति का खुलासा किया था।
अधिक फिर भी कम
विभाग ने अब तक करीब आठ हजार से अधिक बच्चों को विद्यालयों से जोड़ दिया है। लेकिन, सीटीएस सर्वे के मुताबिक लक्ष्य काफी अधिक होने से उपलब्धि प्रतिशत काफी कम आ रहा है। जबकि, पात्रों का प्रतिशत ही गिना जाए, तो विभाग की उपलब्धि 60 फीसदी से भी ऊपर पहुंच जाती है। अपात्र विद्यार्थियों के चयन के लिए विभाग ने विशेष प्रपत्र भी तैयार किए हैं।
भेजे है लक्ष्य
. संशोधित लक्ष्य के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग ने बड़ी संख्या में पात्र बच्चों को जोड़ लिया है। पर, अपात्रों के नाम जुड़े होने से समस्या आ रही है।
- केएल जोशी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी
पिण्डावल। राउप्रावि पाटिया में प्रधानाध्यापिका सुशीला जैन के निर्देशन व डायालाल कोठारी, सतीशचंद्र डामोर, प्रमिला रेटवा के सहयोग से 21 बच्चों का दाखिला हुआ।
........................................................................
विभाग का ‘रिवर्स गियर’
- सीटीएस सर्वे में चिन्हित हुए बच्चों के लक्ष्य को कम करने की कवायद
- आयुपार बच्चों के नाम हटवाने में जुटा विभाग
कार्यालय संवाददाता @ डूंगरपुर
गत वर्ष आंख मिच कर हुई चाईल्ड टे्रकिंग सर्वे की गड़बडिय़ों पर अब विभाग ने मुहर लगानी शुरू कर दी है। सर्वे में चिन्हित हुए अधिकांश बच्चों के अपात्र घोषित होने से प्रदेश स्तर पर नामांकन अभियान की उपलब्धि के लिहाज से पिछड़ रहे विभाग ने अब राजस्थान प्रारम्भिक परिषद् को संशोधित लक्ष्य भेजने की कवायद शुरू कर दी है।
पत्रिका ने उठाया था मामला
गत वर्ष हुए चाईल्ड टे्रकिंग सर्वे में 26 हजार 236 बच्चों को शिक्षा से दूर चिन्हित किया गया था। लेकिन, सर्वे के तहत नामांकन अभियान में मिले लक्ष्य अनुरूप पड़ताल की, तो अधिकांश बच्चे आयु पार, विवाहित, पूर्व से ही स्कूलों से जुड़े होना पाया गया। राजस्थान पत्रिका ने सीटीएस सर्वे की गड़बडिय़ों को लेकर 15 जुलाई 2011 के अंक में ‘सर्वे की खुली हकीकत’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर उदाहरण कई विद्यालयों की स्थिति का खुलासा किया था।
अधिक फिर भी कम
विभाग ने अब तक करीब आठ हजार से अधिक बच्चों को विद्यालयों से जोड़ दिया है। लेकिन, सीटीएस सर्वे के मुताबिक लक्ष्य काफी अधिक होने से उपलब्धि प्रतिशत काफी कम आ रहा है। जबकि, पात्रों का प्रतिशत ही गिना जाए, तो विभाग की उपलब्धि 60 फीसदी से भी ऊपर पहुंच जाती है। अपात्र विद्यार्थियों के चयन के लिए विभाग ने विशेष प्रपत्र भी तैयार किए हैं।
भेजे है लक्ष्य
. संशोधित लक्ष्य के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग ने बड़ी संख्या में पात्र बच्चों को जोड़ लिया है। पर, अपात्रों के नाम जुड़े होने से समस्या आ रही है।
- केएल जोशी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी
Friday, 29 July 2011
Bhilwara - 402 children enrolled in school in RTE campaign
न खुले द्वार, न पड़ा पार
- एक भी स्कूल नहीं बढ़ा आगे
- विभाग फिसड्डी, अधिकारी नाकाम
- विभाग फिसड्डी, अधिकारी नाकाम
भीलवाड़ा. उनके मन में पैदा हुई ललक चंद लम्हों बाद ही हवा हो गई। वे मानते थे कि इस बार उनकी मुराद पूरी होगी और वे अच्छे स्कूल में पढ़ अपना जीवन सुधार सकेंगे। लेकिन यह हो न सका। शहर से लेकर जिले भर के हाल कुछ ऐसे ही है। भीलवाड़ा के किसी भी निजी स्कूल ने गरीब बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश नहीं दिए, वही कई विद्यालयों ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को धोखे में रखा।
हम भी नहीं कम
विद्यालय डाल-डाल तो अधिकारी भी पात-पात। विभागीय अधिकारियों के पास न तो किसी स्कूल के नि:शुल्क प्रवेश दिए गए बच्चों के आंकड़े है और न ही विद्यालयों ने इसमें रूची दिखाई हैं।
तो हम क्या करें
अधिकांश निजी और नामी स्कूलों के आगे अभिभावक खासे नाकाम रहे है। यह नाकामी किसी ओर बात की नहीं सिर्फ प्रवेश की हैं, हाल ऐसे अजीब है कि यदि किसी अभिभावक की ओर से शिक्षा के अधिकार कानून का किसी निजी स्कूल संचालकों को हवाला भी दिया जाता है तो वह कहते है हम क्या करें, सरकार से जाकर ही कहो।
..................................................................................
हम भी नहीं कम
विद्यालय डाल-डाल तो अधिकारी भी पात-पात। विभागीय अधिकारियों के पास न तो किसी स्कूल के नि:शुल्क प्रवेश दिए गए बच्चों के आंकड़े है और न ही विद्यालयों ने इसमें रूची दिखाई हैं।
तो हम क्या करें
अधिकांश निजी और नामी स्कूलों के आगे अभिभावक खासे नाकाम रहे है। यह नाकामी किसी ओर बात की नहीं सिर्फ प्रवेश की हैं, हाल ऐसे अजीब है कि यदि किसी अभिभावक की ओर से शिक्षा के अधिकार कानून का किसी निजी स्कूल संचालकों को हवाला भी दिया जाता है तो वह कहते है हम क्या करें, सरकार से जाकर ही कहो।
..................................................................................
पत्रिका ने दी शिक्षा की दीक्षा
- अंधेरी बस्तियों में जगाई शिक्षा की अलख
- मिला पांच लाख का स्टे हॉम प्रोजेक्ट
- 402 बच्चों को मिला प्रवेश
- गरीबी रेखा से नीचे आने वाले एक हजार बच्चों को पहुंचाया
समुचित शिक्षा की ओर।
-सफर बन गया कारवां
भीलवाड़ा. जिले में जून माह में मीडिया एक्शन ग्रुप के माध्यम से सबको पढ़ाएं सबको बढ़ाएं अभियान की शुरुआत की गई थी। अभियान की शुरुआत एक ऐसी बस्ती से हुई जहां 125 से अधिक बच्चे शिक्षा से दूर थे। शहर के बीच बनी इस बंजारा बस्ती के हाल खराब थे। यहां बच्चे सुबह से शाम तक गलियों में थैलियों से लेकर कबाड़ सामग्री तलाशते और उन्हें बेच शाम को कुछ पैसों के साथ खुश होकर घर लौट जाते। इन बच्चों के जीवन में शिक्षा और स्कूल नाम की कोई चीज नहीं थी। वे सिर्फ अपने में मगन, परिजनों में रमें और अपनी मस्ती में थे। सरकारी सूचनाओं से परे इस बस्ती में सैकड़ों भटकते बच्चे गुमनामी में जीवन जीने को मजबूर थे। कहानी यहां खत्म नहीं होती। मीडिया एक्शन ग्रूप इस बस्ती के लोगों के बीच पहुंचता है और पहला साथ उसे मिलता है, प्रौढ़ शिक्षा संघ का। संघ के अध्यक्ष भंवरसिंह चौधरी ग्रुप के साथ मिल यहां के कायाकल्प में जुटते हैं। ग्रुप के साथ ही संवाददाता एनजीओ सम्बोधि महिला मण्डल को भी अपने साथ जोड़ता है। मण्डल की ओर से मंजू पोखरना और अर्चना सोनी का यह संगठन इस बच्चों को कपड़े और अन्य शिक्षण सामग्री मुहैया करवाने की कवायदों में लग जाता है। एक और जहां संगठनात्मक स्तर पर बच्चों की जरूरतें पूरी करने की तैयारी होती है तो दूसरी ओर ग्रुप इस अभियान में सर्व शिक्षा अभियान को भी जोड़ता है। अभियान के जिला परियोजना समन्वयक बीएल डीडवानिया, अतिरिक्त परियोजना समन्वयक अनिल बांगड़, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रहलाद पारीक, सहायक समन्वयक केएल जीनगर और कार्यक्रम सहायक सत्यनारायण शर्मा ग्रुप के साथ मिलकर राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद जयपुर से स्टे हॉम प्रोजेक्ट की स्वीकृति लेते है। काफी अड़चनों के बाद मिली इस स्वीकृति की फाइल प्रशासनिक स्तर पर अटकती नजर आती है, लेकिन यहां भी ग्रुप अपने पूरे दम खम के साथ इस फाइल को गति दिलवाता हैं। जिला परिषद में तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला प्रमुख का अनुमोदन करवा यहां सम्पूर्ण रूप से स्टे हॉम संचालन की शुरुआत होती है। बंजारा बस्ती के मुखिया माने जाने वाले लक्ष्मण बंजारा सहित किशन बंजारा और अन्य बंजारा लोगों की मदद से बच्चों को पढ़ाई के लिए तैयार किया जाता है। बच्चों के लिए पूरी सुविधा के साथ शिक्षण की व्यवस्था की जाती है। अब पत्रिका का मीडिया एक्शन ग्रुप इन बच्चों के लिए आंगन में स्कूल ले आया था। उन्हें घर से चार कदम दूर ऐसी शिक्षा मुहैया होनी थी, जिन पर सरकार पांच लाख रुपए खर्च कर रही हैं। बच्चों के लिए कक्ष और इसमें लगे पंखे, रहने और आराम के लिए गद्दे और सम्पूर्ण शिक्षण सामग्री मुहैया हो जाती है। अब उनके कायाकल्प का बीजारोपण हो चुका है। यहां नियमित दस माह तक कक्षाएं चलेंगी, बच्चे अपनी इच्छा से रात को भी उस स्टे हॉम में रहकर पढ़ाई कर सकेंगे। अधिकारियों की माने तो यदि सारी स्थितियां ठीक रही तो यहां एक स्कूल भी खोला जा सकता है, खैर भविष्य के गर्भ में क्या है, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इन बच्चों का वर्तमान सुधरना शुरू हो चुका है। अब तक यहां के करीब 140 बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया है, इनमें से 50 बच्चे स्टे हॉम में तो अन्य 90 बच्चे समीपस्थ स्कूलों में पढ़ेंगे।
यहां फिर गढ़ दी पौथी की कहानी
मीडिया एक्शन ग्रुप ने रोटरी क्लब के तत्कालीन अध्यक्ष सीपी अग्रवाल के साथ मिलकर पटेल नगर स्थित कच्ची बस्ती का दौरा किया और करीब 40 बच्चे खोजे। इन बच्चों को भी बाद में समीपस्थ स्कूलों में प्रवेश करवाया गया। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान ने वैकल्पिक कक्षाओं की शुरुआत के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर प्रारंभिक शिक्षा परिषद भेजा है।
हलेड़ गांव में घर-घर पहुंचे पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप ने करीब २२ ऐसे बच्चे ढूंढे जो शिक्षा की देहरी से दूर थे। यहां ग्रुप ने उपभोक्ता अधिकार समिति के इकाई अध्यक्ष कैलाश सुवालका के साथ मिलकर घर-घर पहुंच शिक्षा का मार्ग खोला। अब यह सभी बच्चे कोई निजी तो कोई सरकारी स्कूल में प्रवेश पा चुका हैं।
ऐसे बढ़े कदम शिक्षा की ओर...
पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप ने वेदान्ता फाउण्डेशन के साथ मिलकर गांव-गांव, ढाणी-ढाणी शिक्षा की अलख जगाने के लिए रैलियां निकाली। इन रैलियों के माध्यम से ग्रुप ने विभिन्न गांवों में २०० से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ा है। यह ऐसे बच्चे है, जो या तो विद्यालय से ड्रॅाप आउट है या स्कूल की दहलीज तक ही नहीं पहुंचे।
यहां फिर हुआ कमाल
ग्रुप की छोटी सी पहल ने फिर कमाल कर दिया। ग्रुप ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर जिले के 34 छात्रावासों में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के बच्चों को प्रवेश दिलवाने का अभियान शुरू किया था। इसमें ग्रुप की ओर से पत्रिका संवाददाता और विभाग ने १००० से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलवाया है। अभी भी यह प्रयास निरंतर जारी है।
- मिला पांच लाख का स्टे हॉम प्रोजेक्ट
- 402 बच्चों को मिला प्रवेश
- गरीबी रेखा से नीचे आने वाले एक हजार बच्चों को पहुंचाया
समुचित शिक्षा की ओर।
-सफर बन गया कारवां
भीलवाड़ा. जिले में जून माह में मीडिया एक्शन ग्रुप के माध्यम से सबको पढ़ाएं सबको बढ़ाएं अभियान की शुरुआत की गई थी। अभियान की शुरुआत एक ऐसी बस्ती से हुई जहां 125 से अधिक बच्चे शिक्षा से दूर थे। शहर के बीच बनी इस बंजारा बस्ती के हाल खराब थे। यहां बच्चे सुबह से शाम तक गलियों में थैलियों से लेकर कबाड़ सामग्री तलाशते और उन्हें बेच शाम को कुछ पैसों के साथ खुश होकर घर लौट जाते। इन बच्चों के जीवन में शिक्षा और स्कूल नाम की कोई चीज नहीं थी। वे सिर्फ अपने में मगन, परिजनों में रमें और अपनी मस्ती में थे। सरकारी सूचनाओं से परे इस बस्ती में सैकड़ों भटकते बच्चे गुमनामी में जीवन जीने को मजबूर थे। कहानी यहां खत्म नहीं होती। मीडिया एक्शन ग्रूप इस बस्ती के लोगों के बीच पहुंचता है और पहला साथ उसे मिलता है, प्रौढ़ शिक्षा संघ का। संघ के अध्यक्ष भंवरसिंह चौधरी ग्रुप के साथ मिल यहां के कायाकल्प में जुटते हैं। ग्रुप के साथ ही संवाददाता एनजीओ सम्बोधि महिला मण्डल को भी अपने साथ जोड़ता है। मण्डल की ओर से मंजू पोखरना और अर्चना सोनी का यह संगठन इस बच्चों को कपड़े और अन्य शिक्षण सामग्री मुहैया करवाने की कवायदों में लग जाता है। एक और जहां संगठनात्मक स्तर पर बच्चों की जरूरतें पूरी करने की तैयारी होती है तो दूसरी ओर ग्रुप इस अभियान में सर्व शिक्षा अभियान को भी जोड़ता है। अभियान के जिला परियोजना समन्वयक बीएल डीडवानिया, अतिरिक्त परियोजना समन्वयक अनिल बांगड़, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रहलाद पारीक, सहायक समन्वयक केएल जीनगर और कार्यक्रम सहायक सत्यनारायण शर्मा ग्रुप के साथ मिलकर राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद जयपुर से स्टे हॉम प्रोजेक्ट की स्वीकृति लेते है। काफी अड़चनों के बाद मिली इस स्वीकृति की फाइल प्रशासनिक स्तर पर अटकती नजर आती है, लेकिन यहां भी ग्रुप अपने पूरे दम खम के साथ इस फाइल को गति दिलवाता हैं। जिला परिषद में तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला प्रमुख का अनुमोदन करवा यहां सम्पूर्ण रूप से स्टे हॉम संचालन की शुरुआत होती है। बंजारा बस्ती के मुखिया माने जाने वाले लक्ष्मण बंजारा सहित किशन बंजारा और अन्य बंजारा लोगों की मदद से बच्चों को पढ़ाई के लिए तैयार किया जाता है। बच्चों के लिए पूरी सुविधा के साथ शिक्षण की व्यवस्था की जाती है। अब पत्रिका का मीडिया एक्शन ग्रुप इन बच्चों के लिए आंगन में स्कूल ले आया था। उन्हें घर से चार कदम दूर ऐसी शिक्षा मुहैया होनी थी, जिन पर सरकार पांच लाख रुपए खर्च कर रही हैं। बच्चों के लिए कक्ष और इसमें लगे पंखे, रहने और आराम के लिए गद्दे और सम्पूर्ण शिक्षण सामग्री मुहैया हो जाती है। अब उनके कायाकल्प का बीजारोपण हो चुका है। यहां नियमित दस माह तक कक्षाएं चलेंगी, बच्चे अपनी इच्छा से रात को भी उस स्टे हॉम में रहकर पढ़ाई कर सकेंगे। अधिकारियों की माने तो यदि सारी स्थितियां ठीक रही तो यहां एक स्कूल भी खोला जा सकता है, खैर भविष्य के गर्भ में क्या है, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इन बच्चों का वर्तमान सुधरना शुरू हो चुका है। अब तक यहां के करीब 140 बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया है, इनमें से 50 बच्चे स्टे हॉम में तो अन्य 90 बच्चे समीपस्थ स्कूलों में पढ़ेंगे।
यहां फिर गढ़ दी पौथी की कहानी
मीडिया एक्शन ग्रुप ने रोटरी क्लब के तत्कालीन अध्यक्ष सीपी अग्रवाल के साथ मिलकर पटेल नगर स्थित कच्ची बस्ती का दौरा किया और करीब 40 बच्चे खोजे। इन बच्चों को भी बाद में समीपस्थ स्कूलों में प्रवेश करवाया गया। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान ने वैकल्पिक कक्षाओं की शुरुआत के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर प्रारंभिक शिक्षा परिषद भेजा है।
हलेड़ गांव में घर-घर पहुंचे पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप ने करीब २२ ऐसे बच्चे ढूंढे जो शिक्षा की देहरी से दूर थे। यहां ग्रुप ने उपभोक्ता अधिकार समिति के इकाई अध्यक्ष कैलाश सुवालका के साथ मिलकर घर-घर पहुंच शिक्षा का मार्ग खोला। अब यह सभी बच्चे कोई निजी तो कोई सरकारी स्कूल में प्रवेश पा चुका हैं।
ऐसे बढ़े कदम शिक्षा की ओर...
पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप ने वेदान्ता फाउण्डेशन के साथ मिलकर गांव-गांव, ढाणी-ढाणी शिक्षा की अलख जगाने के लिए रैलियां निकाली। इन रैलियों के माध्यम से ग्रुप ने विभिन्न गांवों में २०० से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ा है। यह ऐसे बच्चे है, जो या तो विद्यालय से ड्रॅाप आउट है या स्कूल की दहलीज तक ही नहीं पहुंचे।
यहां फिर हुआ कमाल
ग्रुप की छोटी सी पहल ने फिर कमाल कर दिया। ग्रुप ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर जिले के 34 छात्रावासों में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के बच्चों को प्रवेश दिलवाने का अभियान शुरू किया था। इसमें ग्रुप की ओर से पत्रिका संवाददाता और विभाग ने १००० से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलवाया है। अभी भी यह प्रयास निरंतर जारी है।
Kuchaman City - 34 children connect to education
चल पड़े ‘किस्मत’ की राह
-चौदह और बच्चे शिक्षा से जुड़े
-आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं मुहिम
-मुहिम से मिल रही प्रेरणा
-सीटीसी सर्वे से अधिक मिल रहे हैं बच्चे
-मुहिम के तहत अब तक कुचामनसिटी में 34 बच्चे शिक्षा से जुड़े
कार्यालय संवाददाता @ कुचामनसिटी।
कुचामनसिटी, २8 जुलाई.
कुछ दिन पहले तक कोई बच्चा मवेशी चराने में व्यस्त था, तो कुछ बच्चे कचरे के ढेरों से पॉलीथिन संग्रहण सहित घर के अन्य कार्यों में जुटे थे। लेकिन अब ऐसे बच्चे शिक्षा के अधिकार के तहत पाटी-पोथी से जुड़ गए हैं। ‘राजस्थान पत्रिका’ के मीडिया एक्शन गु्रप की मुहिम ऐसे बच्चों के लिए सौगात बन गई। मुहिम के तहत स्कूल पहुंच रहे ऐसे बच्चे बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं। स्कूलों में तिलक व मोली बांधने का स्वागत देख ऐसे बच्चे खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। दोपहर को मिड-डे मिल तो इनको खूब रास आ रहा है। गुरुवार को ऐसा ही नजारा शहर के बुगालिया बास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय संख्या 7 में देखा गया।जहां पर मीडिया एक्शन गु्रप की प्रेरणा से 14 नए बच्चों को स्कूल से जोडऩे पर उनका स्वागत किया गया।
-आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं मुहिम
-मुहिम से मिल रही प्रेरणा
-सीटीसी सर्वे से अधिक मिल रहे हैं बच्चे
-मुहिम के तहत अब तक कुचामनसिटी में 34 बच्चे शिक्षा से जुड़े
कार्यालय संवाददाता @ कुचामनसिटी।
कुचामनसिटी, २8 जुलाई.
कुछ दिन पहले तक कोई बच्चा मवेशी चराने में व्यस्त था, तो कुछ बच्चे कचरे के ढेरों से पॉलीथिन संग्रहण सहित घर के अन्य कार्यों में जुटे थे। लेकिन अब ऐसे बच्चे शिक्षा के अधिकार के तहत पाटी-पोथी से जुड़ गए हैं। ‘राजस्थान पत्रिका’ के मीडिया एक्शन गु्रप की मुहिम ऐसे बच्चों के लिए सौगात बन गई। मुहिम के तहत स्कूल पहुंच रहे ऐसे बच्चे बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं। स्कूलों में तिलक व मोली बांधने का स्वागत देख ऐसे बच्चे खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। दोपहर को मिड-डे मिल तो इनको खूब रास आ रहा है। गुरुवार को ऐसा ही नजारा शहर के बुगालिया बास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय संख्या 7 में देखा गया।जहां पर मीडिया एक्शन गु्रप की प्रेरणा से 14 नए बच्चों को स्कूल से जोडऩे पर उनका स्वागत किया गया।
गु्रप के ‘आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं’ अभियान के अन्तर्गत स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेन्द्रप्रसाद शर्मा, अध्यापिका सरस्वतीदेवी ने शिक्षक अकीक अहमद उस्मानी के सहयोग से पिछले कई दिनों की मेहनत के बाद 14 नए बच्चे खोजे, जिनके नाम सीटीएस सर्वे में शामिल नहीं थे, बल्कि वे स्कूल एवं शिक्षा के अधिकार से वंचित थे। उल्लेखनीय है कि बीईईओ कार्यालय की ओर से स्कूल को चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे के तहत ड्रॉप आउट व अनामांकित बच्चों की सौंपी गई सूची में स्कूल को 15 बच्चों का लक्ष्य सौंपा गया था। स्कूल की ओर से इन 15 बच्चों को भी खोज लिया गया। गौरतलब है कि ‘राजस्थान पत्रिका’ के शृंखलाबद्ध समाचारों के प्रकाशन से लोग शिक्षा के अधिकार के के प्रति सजग हुए। पत्रिका ने 4 जुलाई के अंक में ‘अधूरे ख्वाब, मांगे जवाब’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर शहर में कईबच्चों के शिक्षा से वंचित होने का खुलासा किया था। मुहिम के तहत गु्रप की ओर से बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के प्रयास शुरू किए गए। गु्रप टीम की ओर से इन 14 बच्चों समेत अब तक 34 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा चुका है।
कुचामनसिटी: राजकीय प्रा. विद्यालय संख्या-7 में जोड़े गए नए बच्चे---
क्र.सं. नाम(उम्र) पिता का नाम कक्षा में प्रवेश
1. नवदीप(6 ) पुत्र श्रीचंद प्रथम
2. सुमन(5) पुत्री श्रीचंद प्रथम
3. फिरोज अली (13) पुत्र सराफत अली द्वितीय
4. शहजाद अली(9) पुत्र सराफत अली प्रथम
5. समीर अली (8 ) पुत्र बून्दू अली प्रथम
6 . इरफान(6 ) पुत्र बदरुदीन प्रथम
7. मो. समीर (9) पुत्र इजाजुदीन प्रथम
8 . मुस्कान (6 ) पुत्री इजाजुदीन प्रथम
9. भुवानी कुमावतन(9) पुत्री गोपाल कुमावत प्रथम
10. राकेश (6 ) पुत्र मूलचंद मेघवाल प्रथम
11. फिरदौस बानो(6 ) पुत्री इकबाल अली प्रथम
12. तब्बसुम बानो(7) पुत्री मो. जाकिर हुसैन प्रथम
13. सुनील (11) पुत्र खेमाराम तृतीय
14. संजू (6 )पुत्री छीतर गुर्जर प्रथम
-के.आर.मुण्डियार, कुचामनसिटी
क्र.सं. नाम(उम्र) पिता का नाम कक्षा में प्रवेश
1. नवदीप(6 ) पुत्र श्रीचंद प्रथम
2. सुमन(5) पुत्री श्रीचंद प्रथम
3. फिरोज अली (13) पुत्र सराफत अली द्वितीय
4. शहजाद अली(9) पुत्र सराफत अली प्रथम
5. समीर अली (8 ) पुत्र बून्दू अली प्रथम
6 . इरफान(6 ) पुत्र बदरुदीन प्रथम
7. मो. समीर (9) पुत्र इजाजुदीन प्रथम
8 . मुस्कान (6 ) पुत्री इजाजुदीन प्रथम
9. भुवानी कुमावतन(9) पुत्री गोपाल कुमावत प्रथम
10. राकेश (6 ) पुत्र मूलचंद मेघवाल प्रथम
11. फिरदौस बानो(6 ) पुत्री इकबाल अली प्रथम
12. तब्बसुम बानो(7) पुत्री मो. जाकिर हुसैन प्रथम
13. सुनील (11) पुत्र खेमाराम तृतीय
14. संजू (6 )पुत्री छीतर गुर्जर प्रथम
-के.आर.मुण्डियार, कुचामनसिटी
Jhalawar - children admission detail - 75 children got admission
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
झालावाड़ ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
7 जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि. 8
9 जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि. 12
१२ जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि 7
१६ जुलाई रीछवा रा.उ.मा.वि 6
२० जुलाई रीछवा रा.उ.मा.वि. 5
9 जुलाई धनवाड़ा (झालावाड़) रा.प्रा.वि. 5
9 जुलाई मोतीकुआं (झालावाड़) रा.उ.प्रा.वि. 3
१२ जुलाई मुण्डेरी (झालावाड़) रा.उ.प्रा.वि. 5
१४ जुलाई रामठी ï(भवानीमंडी) रा.उ.मा.वि 8
१६ जुलाई माण्डवी (भवानीमंडी) रा.उ.मा.वि 8
१८ जुलाई सुनेल रा.उ.मा.वि 8
----------------------------------------------------------
कुल 75
----------------------------------------------------------
इन गांवों में चला अभियान रीछवा, मुण्डेरी, रामठी, माण्डवी, सुनेल व झालावाड़ शहर की धनवाड़ा बस्ती व तबेला रोड क्षेत्र।
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
झालावाड़ ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
7 जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि. 8
9 जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि. 12
१२ जुलाई रीछवा रा.उ.प्रा.वि 7
१६ जुलाई रीछवा रा.उ.मा.वि 6
२० जुलाई रीछवा रा.उ.मा.वि. 5
9 जुलाई धनवाड़ा (झालावाड़) रा.प्रा.वि. 5
9 जुलाई मोतीकुआं (झालावाड़) रा.उ.प्रा.वि. 3
१२ जुलाई मुण्डेरी (झालावाड़) रा.उ.प्रा.वि. 5
१४ जुलाई रामठी ï(भवानीमंडी) रा.उ.मा.वि 8
१६ जुलाई माण्डवी (भवानीमंडी) रा.उ.मा.वि 8
१८ जुलाई सुनेल रा.उ.मा.वि 8
----------------------------------------------------------
कुल 75
----------------------------------------------------------
इन गांवों में चला अभियान रीछवा, मुण्डेरी, रामठी, माण्डवी, सुनेल व झालावाड़ शहर की धनवाड़ा बस्ती व तबेला रोड क्षेत्र।
Bundi - Admission detail 306 children got admission
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------------------------
बूंदी ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
४ जुलाई नीम तलाई रा.प्रा. विद्यालय १५
४ जुलाई अमरत्या रा.उप्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई दौलाड़ा रा. प्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई हिण्डोली रा. उप्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई अमरत्या रा. उप्रा. विद्यालय ०६
७ जुलाई माटूंदा कस्तूरबा गांधी विद्यालय ०६
८ जुलाई टोडापोल (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय २३
९ जुलाई अमरत्या रा. उप्रा. विद्यालय ०४
११ जुलाई जोगीपाड़ा (बसोली) रा. प्राथमिक विद्यालय ०६
१२ जुलाई मालीपुरा (नमाना) रा. उप्रा. विद्यालय ०७
१४ जुलाई भीलों का झोंपड़ा(दौलाड़ा) रा. प्रा. विद्यालय १४
१५ जुलाई गुढ़ानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०६
१५ जुलाई रामगंज बालाजी रा. उमा. विद्यालय ०९
१८ जुलाई रालड़ी (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय १८
१८ जुलाई गंवारियां बस्ती (तालेड़ा) रा. प्रा. विद्यालय १०
१९ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०३
१९ जुलाई सुंंदरपुरा (नमाना) रा.मा. विद्यालय १३
२१ जुलाई कुंवारती रा. उप्रा. विद्यालय २७
२१ जुलाई सप्तीजा रा. प्रा. विद्यालय ०८
२१ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०३
२२ जुलाई पाई (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय ०९
२२ जुलाई डाटूदां रा. मा. विद्यालय ०५
२२ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०१
२३ जुलाई बालोला(हिण्डोली) रा. प्रा. विद्यालय १५
२३ जुलाई जमीतपुरा रा.उप्रा. विद्यालय (बालिका) १९
२५ जुलाई कांस की आंतरी (हिण्डोली) राप्रा. विद्यालय १२
२५ जुलाई मीणा बस्ती(खजूरी) रा.प्रा. विद्यालय १८
२५ जुलाई एनिकट का झोंपड़ा (करवर) रा. प्रा. विद्यालय ०५
26 जुलाई सरस्वती का खेड़ा (दौलाड़ा) रा.उ.प्रा. विद्यालय 24
27 जुलाई बीजलवां गांव (नैनवां) रा.उ.प्रा. विद्यालय 02
-------------------------------------------------------------------------------------
अब तक नामांकित बच्चों की संया 306
------------------------------------------------------------
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------------------------
बूंदी ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
४ जुलाई नीम तलाई रा.प्रा. विद्यालय १५
४ जुलाई अमरत्या रा.उप्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई दौलाड़ा रा. प्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई हिण्डोली रा. उप्रा. विद्यालय ०६
५ जुलाई अमरत्या रा. उप्रा. विद्यालय ०६
७ जुलाई माटूंदा कस्तूरबा गांधी विद्यालय ०६
८ जुलाई टोडापोल (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय २३
९ जुलाई अमरत्या रा. उप्रा. विद्यालय ०४
११ जुलाई जोगीपाड़ा (बसोली) रा. प्राथमिक विद्यालय ०६
१२ जुलाई मालीपुरा (नमाना) रा. उप्रा. विद्यालय ०७
१४ जुलाई भीलों का झोंपड़ा(दौलाड़ा) रा. प्रा. विद्यालय १४
१५ जुलाई गुढ़ानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०६
१५ जुलाई रामगंज बालाजी रा. उमा. विद्यालय ०९
१८ जुलाई रालड़ी (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय १८
१८ जुलाई गंवारियां बस्ती (तालेड़ा) रा. प्रा. विद्यालय १०
१९ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०३
१९ जुलाई सुंंदरपुरा (नमाना) रा.मा. विद्यालय १३
२१ जुलाई कुंवारती रा. उप्रा. विद्यालय २७
२१ जुलाई सप्तीजा रा. प्रा. विद्यालय ०८
२१ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०३
२२ जुलाई पाई (नैनवां) रा. प्रा. विद्यालय ०९
२२ जुलाई डाटूदां रा. मा. विद्यालय ०५
२२ जुलाई गुढानाथावतान रा.उमा. विद्यालय ०१
२३ जुलाई बालोला(हिण्डोली) रा. प्रा. विद्यालय १५
२३ जुलाई जमीतपुरा रा.उप्रा. विद्यालय (बालिका) १९
२५ जुलाई कांस की आंतरी (हिण्डोली) राप्रा. विद्यालय १२
२५ जुलाई मीणा बस्ती(खजूरी) रा.प्रा. विद्यालय १८
२५ जुलाई एनिकट का झोंपड़ा (करवर) रा. प्रा. विद्यालय ०५
26 जुलाई सरस्वती का खेड़ा (दौलाड़ा) रा.उ.प्रा. विद्यालय 24
27 जुलाई बीजलवां गांव (नैनवां) रा.उ.प्रा. विद्यालय 02
-------------------------------------------------------------------------------------
अब तक नामांकित बच्चों की संया 306
------------------------------------------------------------
Baran - Children admission detail figure reached at 134
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
बारां ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
4 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 05
5 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 15
7 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
8 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
(विद्यालय में पूर्व नामांकित विद्यार्थी 55, नवप्रवेशित २२, कुल 77)
11 जुलाई बारां ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल 03
(बीपीएल परिवार के दो बच्चों व एक बालिका को प्रवेश दिलवाया)
12 जुलाई बारां मीडिया एक्शन ग्रुप ने निकटवर्ती फतेहपुर गांव
पहुंच दो ड्राप आउट बालिकाओं सहित तीन परिवारों
से बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर समझाइश की।
वे बच्चों को स्कूल भेजने को राजी हुए।
13 जुलाई बारां नेहरू बाल विद्यालय, फतेहपुर 05
(बच्चों को कलम दी, प्रवेश दिलवाया)
(दिहाड़ी मजदूर शंभूदयाल के बेटे धीरज को प्राइवेट स्कूल से जोड़ा)
13-15 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 04
15 जुलाई बारां गायत्री माध्यमिक बाल विद्यालय, फतेहपुर 02
16 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 05
20 जुलाई बारां राजकीय प्राथमिक विद्यालय शिवाजी नगर 06
25 जुलाइ बारां मैग ने बंजारा बस्ती में पहुंच शिक्षा से वंचित
बच्चों का सर्वे किया तथा बच्चों व
उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताया।
25 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
26 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
26 जुलाई बारां राजकीय प्राथमिक विद्यालय विद्या कॉलोनी 08
(मैग की पहल के बाद 8 साल की लीला बंजारा स्कूल से जुड़ी, सेवा भारती संस्था की
मदद से बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म वितरित की, स्टेशन भी बांटी)
(मैग ने बारां शहर, निकटवर्ती फतेहपुर व मोतीपुरा गांव, शाहाबाद के शाहपुर के
बच्चों को स्कूलों से जोड़ा)
--------------------------------------------------------------------
अब तक स्कूलों से जोड़े गए कुल बच्चे 134
--------------------------------------------------------------------
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
बारां ब्यूरो
दिनांक शहर/कस्बा/गांव स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
4 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 05
5 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 15
7 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
8 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
(विद्यालय में पूर्व नामांकित विद्यार्थी 55, नवप्रवेशित २२, कुल 77)
11 जुलाई बारां ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल 03
(बीपीएल परिवार के दो बच्चों व एक बालिका को प्रवेश दिलवाया)
12 जुलाई बारां मीडिया एक्शन ग्रुप ने निकटवर्ती फतेहपुर गांव
पहुंच दो ड्राप आउट बालिकाओं सहित तीन परिवारों
से बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर समझाइश की।
वे बच्चों को स्कूल भेजने को राजी हुए।
13 जुलाई बारां नेहरू बाल विद्यालय, फतेहपुर 05
(बच्चों को कलम दी, प्रवेश दिलवाया)
(दिहाड़ी मजदूर शंभूदयाल के बेटे धीरज को प्राइवेट स्कूल से जोड़ा)
13-15 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 04
15 जुलाई बारां गायत्री माध्यमिक बाल विद्यालय, फतेहपुर 02
16 जुलाई शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 05
20 जुलाई बारां राजकीय प्राथमिक विद्यालय शिवाजी नगर 06
25 जुलाइ बारां मैग ने बंजारा बस्ती में पहुंच शिक्षा से वंचित
बच्चों का सर्वे किया तथा बच्चों व
उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताया।
25 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
26 जुलाई शाहाबाद शाहपुर राज. प्रा. विद्यालय 01
26 जुलाई बारां राजकीय प्राथमिक विद्यालय विद्या कॉलोनी 08
(मैग की पहल के बाद 8 साल की लीला बंजारा स्कूल से जुड़ी, सेवा भारती संस्था की
मदद से बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म वितरित की, स्टेशन भी बांटी)
(मैग ने बारां शहर, निकटवर्ती फतेहपुर व मोतीपुरा गांव, शाहाबाद के शाहपुर के
बच्चों को स्कूलों से जोड़ा)
--------------------------------------------------------------------
अब तक स्कूलों से जोड़े गए कुल बच्चे 134
--------------------------------------------------------------------
Kota bureau - Children admission details under RTE
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
स्कूल जाने से वंचित निर्धन परिवारों के बच्चों को स्कूलों से जोडऩे के लिए ‘चलो स्कूल’ जैसे महत्वपूर्ण अभियान के तहत मीडिया एक्शन ग्रुप के कोर्डिनेटर्स व पत्रिका संवाददाताओं के साझा प्रयास से 582 बच्चों को स्कूल की राह दिखाई जा चुकी है। ये वे बच्चे हैं, जहां तक सरकार की भी पहुंच नहीं थी।
मीडिया एक्शन ग्रुप का ये अभियान कोटा संभाग में अब तक गांवों व शहरों में पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। बूंदी जिले में 306 बच्चों, झालावाड़ जिले में 75 बच्चों, बारां जिले में 134 बच्चों तथा कोटा जिले में 67 बच्चों का स्कूलों में नामांकन करवाया जा चुका है।
इसके अलावा चबल के किनारे रेत के टीलों में बीच बसी मीना देवी कच्ची बस्ती के करीब 250 बच्चों को पत्रिका ने चिह्नित किया है। पत्रिका के प्रयासों से शिक्षा विभाग ने इन बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए पोर्टेबल स्कूल खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। इन बच्चों का नामांकन हो गया है। पत्रिका कनेक्ट के तहत अरमान संस्थान के माध्यम से डीसीएम रोड पर गाडिय़ा लुहार बस्ती के 30 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा है। यहां चार फ्रांसीसी इन बच्चों को तामिल दे रहे हैं।
अब तक नामांकित बच्चे
कोटा 67 + 280 = 347
बूंदी 306
झालावाड़ 75
बारां 134
-----------------------------
कुल 862
-----------------------------
रणजीत सिंह सोलंकी
कोर्डिनेटर : मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
98290 38188
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
स्कूल जाने से वंचित निर्धन परिवारों के बच्चों को स्कूलों से जोडऩे के लिए ‘चलो स्कूल’ जैसे महत्वपूर्ण अभियान के तहत मीडिया एक्शन ग्रुप के कोर्डिनेटर्स व पत्रिका संवाददाताओं के साझा प्रयास से 582 बच्चों को स्कूल की राह दिखाई जा चुकी है। ये वे बच्चे हैं, जहां तक सरकार की भी पहुंच नहीं थी।
मीडिया एक्शन ग्रुप का ये अभियान कोटा संभाग में अब तक गांवों व शहरों में पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। बूंदी जिले में 306 बच्चों, झालावाड़ जिले में 75 बच्चों, बारां जिले में 134 बच्चों तथा कोटा जिले में 67 बच्चों का स्कूलों में नामांकन करवाया जा चुका है।
इसके अलावा चबल के किनारे रेत के टीलों में बीच बसी मीना देवी कच्ची बस्ती के करीब 250 बच्चों को पत्रिका ने चिह्नित किया है। पत्रिका के प्रयासों से शिक्षा विभाग ने इन बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए पोर्टेबल स्कूल खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। इन बच्चों का नामांकन हो गया है। पत्रिका कनेक्ट के तहत अरमान संस्थान के माध्यम से डीसीएम रोड पर गाडिय़ा लुहार बस्ती के 30 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा है। यहां चार फ्रांसीसी इन बच्चों को तामिल दे रहे हैं।
अब तक नामांकित बच्चे
कोटा 67 + 280 = 347
बूंदी 306
झालावाड़ 75
बारां 134
-----------------------------
कुल 862
-----------------------------
रणजीत सिंह सोलंकी
कोर्डिनेटर : मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
98290 38188
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा संभाग
‘चलो स्कूल’ अभियान
--------------------------------------
कोटा मुख्यालय
दिनांक शहर स्कूल (सरकारी/निजी) बच्चों की संख्या
4 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल 03
6 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल 06
9 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल 16
13 जुलाई कोटा न्यू पब्लिक सी.सै. स्कूल 02
25 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल, केबलनगर 03
27 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल, कोटा 04
27 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल, मण्डाना 14
28 जुलाई कोटा सरकारी स्कूल, मण्डाना 13
28 जुलाई रावतभाटा सरकारी स्कूल, रावतभाटा 06
------------------------------------------------
अब तक नामांकित बच्चे 67
------------------------------------------------
Dungarpur - Admission figure reached at 1434
‘पढ़ेंगे, लिखेंगे, तो बनेंगे नवाब’
- विद्यालयों से जुड़े 56
- अभियान का आंकड़ा 1434
- आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं अभियान
कार्यालय संवाददाता @ डूंगरपुर
बाल्यकाल से ही लक्ष्य तय कर मंजिल की ओर बढ़ा जाए, सफलता मिलती ही है। बच्चे बढ़ेगे, लिखेंगे, तो नवाब अवश्य बनेंगे। ये विचार गुरुवार को विभिन्न विद्यालयों में ‘आओं पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं’ अभियान के तहत मनाए गए प्रवशोत्सव कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने व्यक्त किए। अधिक से अधिक बच्चों को विद्यालयों से जोडऩे के लिए राजस्थान पत्रिका और मीडिया एक्शन ग्रुप की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को 56 बच्चों को विद्यालयों से जोड़ा गया। अभियान का आंकड़ा 1434 तक पहुंच गया है।
यहां हुए कार्यक्रम
साबला के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कनोडिय़ा में संस्थाप्रधान प्रवीण पण्ड्या के सहयोग से छह बच्चों को प्रवेश दिलाया। इस मौके पर एसएमसी अध्यक्ष हरदारिया मीणा, देवीलाल मीणा, मुरारीलाल मीणा तथा नरेन्द्र टेलर शामिल हुए। इसी क्रम में रामावि दौलपुरा में 27 बच्चों का प्रवेश दिया। संस्थाप्रधान कनकमल जैन, धुलेश्वर मीणा, अमृतलाल, मुकेश, मोतीलाल वर्मा शामिल हुए। पिण्डावल के राप्रावि रिंछा में संस्थाप्रधान ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में रेखा पण्ड्या व किशनलाल के सहयोग से 23 बच्चों को प्रवेश दिया।
Thursday, 28 July 2011
Kota - ward No. 21 labour family's children got admission
मीडिया एक्शन ग्रुप, कोटा
‘स्कूल चलो’ अभियान
-------------------------------
-------------------------------
स्कूल जाएंगे नन्हें मुन्ने
पत्रिका कनेक्ट के तहत शिक्षा से वंचित चार बच्चों का दाखिला कोटा। शहर के वार्ड 21 में पत्रिका कनेक्ट के तहत मीडिया एक्शन ग्रुप की
ओर से बुधवार को शिक्षा से वंचित मजदूर परिवार के चार बच्चों का राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय किशोरपुरा में दाखिला करवाया। नन्हें बच्चे अब स्कूल जाएंगे और बुनेंगे भविष्य से सपने।
मीडिया एक्शन ग्रुप के वार्ड 21 के प्रतिनिधि दिनेश शर्मा व उनके सहयोगी रामगोपाल नागर तथा गौरव शर्मा ने किशोरपुरा क्षेत्र में घूमकर स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को चिह्निïत किया। इसके बाद उनके अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। दिनेश शर्मा के नेतृत्व में भैरूजी का चौक निवासी सौरभ, चन्द्रप्रकाश प्रजापत, सूरज प्रजापत तथा अमित मेहरा का उनके अभिभावकों की मौजूदगी में नामांकन करवाया। मजदूरी करने वाली सौरभ की मां अपने बच्चे का स्कूल में दाखिला करवा कर बहुत खुश थी। उनका कहना था कि उनका बेटा भी पढ़कर अच्छा इंसान बनेगा। नामांकन की प्रक्रिया स्कूल की प्रधानाचार्य सविता शर्मा ने पूरी की।
Media Action Group मीडिया एक्शन ग्रुप: Kuchaman city, Ajmer - Education minister leave th...
Media Action Group मीडिया एक्शन ग्रुप: Kuchaman city, Ajmer - Education minister leave th...: "‘मास्टरजी’ को निजी स्कूल से लगाव -निजी स्कूलों के सवाल पर बिफरे, बोले हादसे से होते रहते हैं -प्रेसवार्ता छोड़ निकल लिए शिक्षा मंत्री कार..."
Kuchaman city, Ajmer - Education minister leave the press conference over the issue of private schools and rights of poor, counter attacks the reporter- "any problems with private schools; let private school earn,enjoy and have their share!!!!
‘मास्टरजी’ को निजी स्कूल से लगाव
-निजी स्कूलों के सवाल पर बिफरे, बोले हादसे से होते रहते हैं
-प्रेसवार्ता छोड़ निकल लिए शिक्षा मंत्री
कार्यालय संवाददाता @ कुचामनसिटी।
-प्रेसवार्ता छोड़ निकल लिए शिक्षा मंत्री
कार्यालय संवाददाता @ कुचामनसिटी।
कुचामनसिटी, 27 जुलाई.
अपनी बड़बोलेपन बोली के कारण विवादों में रहने वाले शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को कुचामनसिटी की निजी स्कूलों से खासा लगाव है। उन्हें निजी स्कूलों की अव्यवस्था के मामले में कटू सत्य भी सुनना पंसद नहीं है। मन में छिपा यह राज शिक्षा मंत्री ने बुधवार को प्रेसवार्तामें ही उगल दिया।
शिक्षा मंत्री कुचामनसिटी में मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के तहत लाभार्थियों को स्वीकृति वितरित करने आए थे। कार्यक्रम पश्चात एक निजी समारोह स्थल में प्रेसवार्ता में शिक्षा मंत्री पत्रकारों के सवालों पर बिफर गए। पत्रिका संवादाता के सवालों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के नए अधिनियम की पालना के लिए निजी स्कूलों को व्यवस्था सुधारने के लिए एक साल का समय दिया गया है। एक साल बाद उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि एक साल के भीतर यदि कोई हादसा हो गया या गलत हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? विभाग की ओर से जांच कार्यवाही क्यों नहीं होती? इस पर शिक्षा मंत्री बोले, हादसे तो होते रहते है..., उन्हें कौन रोक सकता है। इसके बाद एक अन्य सवाल पर शिक्षा मंत्री बिफर गए और पत्रकारों से ही पूछ बैठे कि आप लोगों को निजी स्कूलों से कोई प्राब्लम्स हैं क्या, निजी स्कूलें भी तो स्कूलें है, उन्हें भी कमा खाने दो। यह कहते हुए शिक्षा मंत्री पत्रकार वार्ता को बीच में छोड़ उठ गए। पत्रिका संवाददाता ने उन्हें जाते-जाते ही पूछा कि शिक्षा विभाग क्या कार्रवाईकर रहा है, इस पर मंत्री बोले, कि कोई शिकायत पर कार्रवाई होगी।
ये थे पत्रिका के सवाल-
-हर साल सरकारी स्कूलों का नामांकन क्यों घट रहा है?
-क्या नामांकन अभियान में शिक्षा से वंचित बच्चों को जोडऩे में फर्जीआंकड़े तैयार हो रहे हैं? इसकी जांच कैसे होती है?
-शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते निजी स्कूलों में नियमों की पालना के लिए विभाग क्या कार्रवाईकर रहा?
-निजी स्कूलों की तुलना में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार की ओर से अंग्रेजी माध्यम की स्कूलें क्यों नहीं खोली जाती?
-कॉम्पलेक्सों एवं बेसमेंटों में निजी स्कूलोंं एवं छात्रावासों का संचालन हो रहा हैं, उन पर विभाग की क्या लगाम है?
-के. आर.मुण्डियार, कुचामनसिटी
अपनी बड़बोलेपन बोली के कारण विवादों में रहने वाले शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को कुचामनसिटी की निजी स्कूलों से खासा लगाव है। उन्हें निजी स्कूलों की अव्यवस्था के मामले में कटू सत्य भी सुनना पंसद नहीं है। मन में छिपा यह राज शिक्षा मंत्री ने बुधवार को प्रेसवार्तामें ही उगल दिया।
शिक्षा मंत्री कुचामनसिटी में मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के तहत लाभार्थियों को स्वीकृति वितरित करने आए थे। कार्यक्रम पश्चात एक निजी समारोह स्थल में प्रेसवार्ता में शिक्षा मंत्री पत्रकारों के सवालों पर बिफर गए। पत्रिका संवादाता के सवालों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के नए अधिनियम की पालना के लिए निजी स्कूलों को व्यवस्था सुधारने के लिए एक साल का समय दिया गया है। एक साल बाद उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि एक साल के भीतर यदि कोई हादसा हो गया या गलत हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? विभाग की ओर से जांच कार्यवाही क्यों नहीं होती? इस पर शिक्षा मंत्री बोले, हादसे तो होते रहते है..., उन्हें कौन रोक सकता है। इसके बाद एक अन्य सवाल पर शिक्षा मंत्री बिफर गए और पत्रकारों से ही पूछ बैठे कि आप लोगों को निजी स्कूलों से कोई प्राब्लम्स हैं क्या, निजी स्कूलें भी तो स्कूलें है, उन्हें भी कमा खाने दो। यह कहते हुए शिक्षा मंत्री पत्रकार वार्ता को बीच में छोड़ उठ गए। पत्रिका संवाददाता ने उन्हें जाते-जाते ही पूछा कि शिक्षा विभाग क्या कार्रवाईकर रहा है, इस पर मंत्री बोले, कि कोई शिकायत पर कार्रवाई होगी।
ये थे पत्रिका के सवाल-
-हर साल सरकारी स्कूलों का नामांकन क्यों घट रहा है?
-क्या नामांकन अभियान में शिक्षा से वंचित बच्चों को जोडऩे में फर्जीआंकड़े तैयार हो रहे हैं? इसकी जांच कैसे होती है?
-शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते निजी स्कूलों में नियमों की पालना के लिए विभाग क्या कार्रवाईकर रहा?
-निजी स्कूलों की तुलना में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार की ओर से अंग्रेजी माध्यम की स्कूलें क्यों नहीं खोली जाती?
-कॉम्पलेक्सों एवं बेसमेंटों में निजी स्कूलोंं एवं छात्रावासों का संचालन हो रहा हैं, उन पर विभाग की क्या लगाम है?
-के. आर.मुण्डियार, कुचामनसिटी
Wednesday, 27 July 2011
Cabal nagar - Poor children get admission
Baran - Poor children get admission in school
STAY HOME to STAY HAPPY n Educated
Patrika - MAG initiative
STAY HOME to STAY HAPPY
'Stay Home' Embraces Poor Children for Education
School now functional with 50 children, one teacher and grant of 1 lakh ( out of 5 lakh) released
Kids collecting garbage, playing poor’s polo with a tyre and a stick is a common site in Banjara Basti of Bhilwara district ( Rajasthan, India). Their families could never be serious and hopeful about education, till Media Action Group (MAG) reached out to them to offer support. As a part of its campaign to enroll Poor children in schools, make private schools abide by the provision of 25% seats reserved for the poor, our team launched on to the mission to educate each child and facilitate implementation of some of the meaningful provision of Right to Education Act for Free Elementary Education. As a result the first ever Stay Home project is being opened in this Basti, inhabited by the poor.Newspaper campaigning with ground interventions mobilized the machinery and citizens both.
Child Tracking
As we began our mission Bhilwara correspondent Bhuwnesh Pandya got into action with social commitment on agenda. He began with the initial task of child tracking with the support of socially concerned citizens, documenting details of the deprived children and maintaining a record of each....sheer ground work led to a list of 140 children and exposed the discrepancies in official record of the deprived.
Lot of Promise
As the campaign to enrol children picked the ground, the affluent people and social organizations offered support of uniform, books, bags and bottles....and got knowledge about government scheme of Stay Home for Poor and Street Children. We initiated dialogue with government machinery, sent proposal, had round of meetings to avail of this scheme at the earliest. As the file moved fast, MAG was asked to offer the list of the deprived children who could enjoy Stay Home, a concept which makes special provision for educating the poor in the vicinity of their homes and offer facility to sleep, eat and study. Manju Pokharna form Sambodhi Mahila Mandal, Udaylal and Mahaveer Samdani from Ganesh Utsav Prabandh Sewa Samiti and other o\groups have promised to meet out other needs of the children to help keep their studies uninterrupted.
A 10 Months Pilot
As the place was identified for setting up ‘Stayhome’ as an initiative of Media Action Group, and a grant of 5 lacs was soon sanctioned and 1 lakh have been released. This will be a 10 moths pilot project and success will be evaluated to decide future course of action. Now , more than 50 children ( all identified by MAG) are enrolled here, where they will get meals as well as a soft bed to dream. More than 90 children have now been sent to the nearby schools. Savaram, a resident of this colony been appointed as teacher cum warden of the Stay Home assisted by Satyanarayan Sharma. The district project coordinating committee included BL Deedvania, Anil Bangar, Prahlad Pareek, KL Jeengar, Paras Jain of the Sarv Shiksha Abhiyaan added pace to the movement.
Subscribe to:
Posts (Atom)