‘गुदड़ी के लाल को प्रवेश के लाले’
-नहीं मिला वंचितों को प्रवेश
-निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर नहीं िमला दाखिला
-स्कूल संचालकों ने बनाया विलम्ब से सरर्कुलर मिलने का बहाना
-निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर नहीं िमला दाखिला
-स्कूल संचालकों ने बनाया विलम्ब से सरर्कुलर मिलने का बहाना
कार्यालय संवाददाता @ ब्यावर
ब्यावर, २० जुलाई। शिक्षा के अधिकार कानून से निजी स्कूल में अपने लाडले को पढ़ाने के सपने पर व्यवस्था की ढिलाई ने ग्रहण लगा दिया है। निजी स्कूलों ने राज्य सरकार के जारी परिपत्र के देरी से मिलने का बहाना बनाकर हाथ खड़े कर लिए है। मोटे अनुमान के अनुरुप आर्थिक रुप से कमजोर परिवार के एक भी बच्चे को निजी विद्यालय में प्रवेश नहीं मिल सका। जबकि शिक्षा विभाग की ओर से यह परिपत्र के अनुक्रम में 15 अप्रेल को ही जारी कर दिया गया था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर अनिवार्य रूप से प्रवेश देने के लिए जारी सरर्कुलर संचालकों की बहानेबाजी का शिकार बन गई। सेंटपाल, भंवरलाल गोठी स्कूल, मिशन स्कूल में इस वर्ष एक भी वंचितों को प्रवेश नहीं दिया गया। इस बारे में स्कूल के संचालकों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्हें जब सरर्कुलर मिला, तब तक सभी सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
ब्लॉक शिक्षा कार्यालय के अनुसार सरकार का परिपत्र विभाग ने निजी स्कूल संचालकों को 15 अप्रेल को जारी कर दिया गया। शिक्षा विभाग के पास उक्त स्कूलों के खिलाफ वंचितों को प्रवेश देने से मना करने संबंधी शिकायतें भी आई। उसे उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया।
टूट गया सपना
शिक्षा विभाग व निजी स्कूल संचालकों के इस रवैए के बीच वंचितों का महंगे अच्छे स्कूलों में पढऩे का सपना इस वर्ष तो फिलहाल सपना ही रहता नजर आता है, इस बार भी ऐसे बच्चों को दूर से स्कूल भवन को निहार कर ही संतोष करना पड़ेगा फिलहाल तो यही हालात हैं, इसकी टीस उन्हें प्रवेश मिलने तक चुभती रहेगी।
भेज दी स्कूलों की सूची
ब्लॉक के प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी पूनमचंद वर्मा ने बताया कि आदर्श विद्यामंदिर, सेंटपॉल, कंचनदेवी, मिशन, भंवरलाल गोठी आदि स्कूलों में वंचितों को प्रवेश न दिए जाने की शिकायतें मिली थी। इन विद्यालयों की सूची उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी गई।
स्कूल संचालक कहिन...
सरर्कुलर मिलने से पूर्व ही स्कूल की सभी सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
रेणू गर्ग, प्रिंसिपल, सेन्ट्रल अकेडमी
अप्रेल में ही प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाती है। समय पर मिलता तो फिर प्रवेश दिया जाता।
श्रीमती राजन, सचिव, ऑक्सफोर्ड ग्लोरी स्कूल
स्कूल संचालकों का कहना है कि देर से सरर्कुलर मिलने की वजह से सीटें पहले ही भर गई। अब अगले वर्ष देखेंगे।
मंजू दाधीच, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) अजमेर
शिकायत मिलने पर ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रामचंद्र सावंत, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक प्रथम, अजमेर
-शरद शुक्ला
‘आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं’ के संबंध में
राजस्थान पत्रिका के अभियान ‘आओ पढ़ाएं, सबको बढ़ाएं’ के तहत आज दिनांक 20.07.2011 को ब्यावर ब्यूरो की ओर से प्रथम कड़ी तैयार की है। पत्रिका ब्यावर ब्यूरों के संवाददाता श्री शरद शुक्ला ने आरम्भिक पड़ताल में शहर की कुछ निजी शिक्षण संस्थाओं में सम्पर्क कर 25 प्रतिशत वंचित विद्यार्थियों के प्रवेश की स्थिति जानी, तो अधिकांश संस्था संचालकों या उनके प्रतिनिधियों ने सरकारी परिपत्र प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने तक नहीं मिलने की बात कही। इस संंबंध में शिक्षा विभाग व सर्वशिक्षा अभियान के बारे में वास्तविकता जानी चाही, तो उन्होंने अपनी स्थिति बयां की। अधिकारियों का कहना था कि उन्हें कुछ शिकायतें प्रवेश नहीं देने के संबंध में मिली है, इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की बात कही है। अगली कड़ी में सरकारी स्कूलों व ग्रामीण क्षेत्रों में अबतक स्कूल से नहीं जुड़े बच्चों का पता लगाया जाएगा। जिसके समाचार क्रम से भेजे जाएंगे। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संस्थाओं से भी मदद ली जाएगी। प्रथम कड़ी का समाचार भी संलग्न कर भेजा जा रहा है।
धन्यवाद।
धन्यवाद।
दिनांक- 20 जुलाई, 2011
भवदीय
दिलीप शर्मा, ब्यूरो प्रभारी
ब्यावर कार्यालय
राजस्थान पत्रिका
dilip.sharma@epatrika.com
दिलीप शर्मा, ब्यूरो प्रभारी
ब्यावर कार्यालय
राजस्थान पत्रिका
dilip.sharma@epatrika.com
No comments:
Post a Comment