शिक्षा के अधिकार के कानून के अंतर्गत हमारे प्रयास से गरीब और वंचित बच्चों को शिक्षा का द्वार नसीब हुआ है. इस कानून से जुड़े कई प्रश्नों के साथ यह मुद्दा भी अहम् है कि उन जरुरतमंद बच्चों के लिए क्या हो सकता जिनके पास वो दस्तावेज़ नहीं हैं जो दाखिला लेने के लिए सरकार द्वारा जरुरी बताये गए हैं . मैग टीम जब इंदौर में बच्चों के दाखिलों के लिए काम कर रही थी उसी दौरान ऐसे कई बच्चे सामने आये जिनके पास अपनी पढ़ाई के लिए कोई सहारा और सुविधा नहीं थी. पत्रिका कनेक्ट के एक प्रतिनधि ने अपने ही वार्ड में स्थित एक रिश्ते दार के स्कूल में इन बच्चों को दाखिला दिलाने की कवायद की. शिक्षा के अधिकार के तहत आये इस कानून में जहाँ एक ओर बड़े बड़े स्कूल इस कानून का पालन करने में असमर्थता के बहाने बना रहे है या फिर सिरे से नकार रहे है.
इस कानून के तहत दाखिले दिलवाने के लिए पहले दिन से मीडिया एक्शन ग्रुप MAG ने काम शुरू कर दिया था इसी श्रंखला में MAG ने अभी तक लगभग 50 से ऊपर आवेदन शहर के विभिन स्कूलों में डलवाए
जिसमे अलग अलग वार्डो में पत्रिका कनेक्ट प्रतिनिधियों ने विशेष कार्य करते हुए यह भी देखा कि इस कानून का लाभ वे लोग नहीं ले पा रहे जो बहुत जयादा जरुरत मंद हैं क्योंकि उनके पास वे दस्तावेज नहीं जो इसके लिए जरुरी हैं . तब हमारे वार्ड .2 पत्रिका कनेक्ट के प्रतिनिधि सिद्दीक खान की मदद से हमने उनके एक रिश्तेदार जिनका स्कूल उन्ही के वार्ड २ में से संपर्क किया कि वे कुछ ऐसे बच्चों को दाखिला दे जिनके पास जरुरी दस्तावेज़ तो नहीं हैं
इस छोटे मगर बड़े दिल वाले स्कूल ने सहर्ष हमारी बात मान ली. ये स्कूल है ---- INNOVATIVE PUBLIC SCHOOL . यह स्कूल कक्षा 8 तक है . इस स्कूल ने न केवल इन ज़रूरतमंद 10 बच्चों को दाखिला दिया बल्कि शिक्षा के अधिकार के तहत 8 सीटों के लिए भी आवेदन भी स्वीकार किये .ये बच्चे अधिकतर वे थे जिनका अपने पिता से साथ छूट गया और आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण पढाई जारी रखने में असमर्थ थे.इस पूरी मुहीम मे जीतेन्द्र नवरे ,गोविन्द गंगोरे ,विशाल पाटीदा र ,सिद्दीक खान ने सहयोग दिया. ये सभी मीडिया एक्शन ग्रुप और पत्रिका कनेक्ट के सक्रिय सदस्य है
पत्रिका कनेक्ट और MAG ने यह तय किया है कि हर साल इसी तरह से दाखिले दिलाने के प्रयास को और अधिक गति से आगे बढ़ाएंगे. MAG की इंदौर प्रतिनिधि पंखुरी की रिपोर्ट.
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