Saturday, 3 September 2011

Principle Secretary seeks report on Private School on 25% seats for Poor, refer to the news carried by Patrika editions

आरटीई कानून की सख्ती हो पालना
-प्रमुख शासन सचिव ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
-शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
खबर का असर
एक्शन स्पॉट पेज पर 1 अगस्त को प्रकाशित खबर का असर
 करौली.
निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून की पालना नहीं होने पर अब शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सम्पतराम ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इस आशय के निर्देश जारी कए है। कानून की पालना में विभाग की जा रही कार्रवाई की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है क निजी स्कूलों में कानून को लेकर बरती जा रही खामियों को लेकर राजस्थान पत्रिका ने 1 अगस्त के अंक में ‘स्कूलों ने अपनी योजना में एडजस्ट किया कानून शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर के माध्यम से शिक्षा के अधिकार को लेकर निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही उजागर  गया। प्रमुख शासन सचिव ने राज्य के 33 जिलों में खबर कटिंग के साथ भेजे पत्र में जिला शिक्षा अधिकारियों, सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना समन्वयक से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देने क आदेश जारी किए गए है। पत्र की प्रति उपायुक्त आरटीई को भी भेजी गई है। इधर, प्रमुख शासन सचिव के पत्र से यहां शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। निजी स्कूलों में कानून क पालना कराने के लिए जिला कलक्टर ने पांच सदस्ययी टीम का भी गठन ·किया है। इसमें सीईओ जिला परिषद, एडीएम, डीईओ, एडीपीसी आदि को शामिल किया है। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में निजी स्कूलों की जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। टीमों को एक पखवारे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए है।

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