कक्षा पांच का अर्जुन डॉक्टर बनना चाहता है, लेकिन उसके गरीब पिता उसे जिस सरकारी स्कूल में पढ़ा रहा है उसकी बदहाली अर्जुन की आंख को धुंधला करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उसके स्कूल में न तो बैठने की व्यवस्था है न पानी की और न शौचालय की। अर्जुन का स्कूल जयपुर में लोगों को हवाई अड्डे से लाने ले जाने वाली टोंक रोड के नजदीक चलता है। अम्बेडकर कॉलोनी के इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय में करीब ४५ बच्चे और दो अध्यापिकाएं हैं। सुविधा से महरूम बच्चों के मज़दूर माता पिता बच्चों की सुरक्षा को लेकर हरदम चिन्तित रहते हैं और बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने में कतराते भी हैं। अर्जुन और उसके साथियों के माता पिता उन्हें अच्छी पढ़ाई के लिए निजी स्कूलों में भेजना चाहते हैं लेकिन गरीब की फटी पोटली में फीस भरने को पैसे नहीं।
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